रविवार, 10 दिसंबर 2023

खुश

मुस्कुराहट खुशी जैसे कुछ शब्द ही तो हैं
क्या तुम्हे पता है इन्हे बनाए रखने में क्या
लगता है चलो आज तुम्हे बताती हूं, मै
थोड़ा धैर्य इंतजार हर बार की अब ये पूरा हुआ
तुम फिर बिगाड़ देते हो जैसे तुम्हे खुशी 😀
पसंद है फिर तुम उसे आने क्यों नही देते
मेरे अपने हकीकत पूरे क्यों नही करते
क्या तुम्हारी शिकायत करू तुम बुरे हो 
बोहत बुरे तुम मुझे चोट क्यों देना चाहते हो
तुम्हे कोई हक नही मेरी खुशियों को छीनने का
तुम कभी खुद का हिसाब लो तुम बुरे हो
फिर भी कोशिश करती हूं शायद समझ जाओ
शायद 
मल्लिका जैन

गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023

⚕️🏵️यादों की हकीकत ☸️ 🕉️

कुछ यादों के गलियारों से हम या तुम गुजरते हैं
हम हम नही तुम तुम नही,पर क्या कोई सवाल तेरे
तृप्ति बाकी है मंजिल की ज़िद सफर की तेरे मेरे
गाड़ियों की सवारी के सुकून है मै तो मुफलिसी 
मै भी खुश पर उनका क्या करू जो खुश मिजाज़
बरकातो में जीते हैं कही से कोई तार जोड़ लेते हैं
मै मै हूं नही लगता तो यही है तुम क्या तुम हो?
कार्य क्यो पूरे हो नही रहे,क्या तुम सम्हाल रहे हो
अब तो कुछ तृप्त करने जैसा करो,रोज की कहानी
के किरदार तुमने बनाएं क्या ईमानदारी क्या बेईमानी
कुछ तो करो तुम या अब कुछ तो करो👍🤔🌕
✡️⚛️मल्लिका जैन⚕️ ☸️

मंगलवार, 19 सितंबर 2023

🌕प्राप्ति और तृप्ति🏵️

🌅ये तेरे मेरे सपनो की हकीकत का मुकाम जन्हा कन्हआ है प्राप्ति
तेरे मेरे बीच तृप्ति का फलसफा क्या नया है तुम कभी
मानोगी तृप्ति में शिव बनू या विष्णू तुम कब रोहित होगी
न मुझे अलविदा कहना न तुम्हे रुकना,तेरे साथ सफर
पर चलते काफिले का सच क्या जानना जरूरी है तृप्ति
चल आज नया रुख करते हैं में कहानी लिखता हूं प्राप्ति
तू निगेहबान बन जा मै मुस्करा दू तू मोहब्त बन जा मेरे
संसार की पैरवी तो कर, आज क्या फिर से उगाऊ तुम्हे
क्या चांद सूरज की तृप्ति बताऊं मेरे चक्रों का खेल
निराला है आज तृप्ति में घर्षण और साथ चलने की कहानी बात बताऊं मेरे सहोदरो की बात या उनके अंक
विश्वाश अंधविश्वास के किस्से क्या बताऊं, तू किसके हक में जायेगी मेरी तृप्ति मेरी प्राप्ति और कितना तृष्णा
का खेल चल मांन जा कुछ प्रेम की बाते करते हैं हौसला अफजाई करते हैं मै संपूर्ण हुं तेरे बिना ऐसा कहा ही कब
चल आज हंस लेते कुछ गुगूना लेते है में रहबर तू रूबाई बन जा, मै गुनगुनाऊ तू सितार बन जा,चल तृप्ति आज मेरी प्राप्ति बन जा🥰⛄
मल्लिका स्प्रिचुअल काउंसलर

रविवार, 10 सितंबर 2023

🌺बने फसाने🏵️

अहससो में मंजूरी दू या राहों में तस्वीर सी बने
मंजूर क्या करू  मेरा फैसला भी बेहतर बने
रूबाई या शहनाई, वादक,क्या कोई गजल बने
 गम या मुहब्बत या रोजी रोटी का हिसाब बने
ताना बाना बुनकर आज कोई सुकून बने
आशाओं की खुशबू इंतजारो के कायदे बने
मेरी उदासियो के आज फिर तराने बने
🦚मल्लिका जैन ⛄

रविवार, 3 सितंबर 2023

आज ब मुश्किल तकलीफ को समझा

ए मेरे रहमत खुदा ईश्वर भगवान और क्या नाम दू तुम्हे
कन्हा हो तुम क्या मेरे बात सुनते हो, कैसे पुकारू तुम्हे
तुम किस रास्ते जाते हो,मुझे आजकल मिलते नही,
दोस्ती तुमसे गहरी है,मुस्कुराहट का रिश्ता अब भी बदला नहीं, मै जानती हूं की कुछ की कीमत नही होती,पर
जो ये गृहस्थी चलानी हो तो क्या करू तुमसे नहीं तो किस्से कहूं,, अच्छा आज फिर मोहब्बत जज्बात पर बात करु या कुछ या तरन्नुम क्या अच्छा अब कब
मल्लिका जैन 🥰

शुक्रवार, 25 अगस्त 2023

मुस्किल

समाना मुस्कील का करु कैसे अपनी बातो को सफल बनाऊं कैसे जवाब लाऊ कैसे जो जवाब है उनको
सत्य बनाऊं कैसे।
मल्लिका 

सोमवार, 7 अगस्त 2023

👻☠️पैसा ये पैसा पुराण 👽🧠

रात दिन हर तरफ एक ही बात है मुझको यह करना है
अब मुझे मेरे लिए करना है पैसे कमाना भी एक आर्ट है
अब जा कर जाना,दिन भर मेहनत ही नहीं कुछ रिसोर्स
भी बनाने है वास्तविक सत्य से जोड कर चलना है
ये मेरा अपना सत्य है मेरी आवाज से जो जूड कर शोर
या चुप हो जाते है अब तो विचार करो क्या अब भी मुझे
तंग ओगे क्यों मेरे विशेष अधिकार है जिन्हे कोई बदल नही सकता मै उससे ही कहती हूं तुम कन्ह आ हो
अब तो मेरा साथ दो मेरी शक्ति अब मेरी है मेरा साथ दो
मेरे पेसो की पुराण है नाम उसका पैसा पुराण है मुझ
अब प्रॉफिट जॉन में रहना है अब तो मेरा साथ दो
👻👽☠️मल्लिका जैन🧠

रविवार, 6 अगस्त 2023

और कितनी बार मुझे

और कितनी बार मुझे तुम मुझे अपनी बात कहने नही
दोगे साथ किसका दोगे कन्हा से जरूरत तुम्हारी मै
समझ सकूंगी तुम खुद कभी अपने लिए क्यों रास्ता 
नहीं बनाते मुझे क्या चाइए तुम जानते हो,फिर मुझे
अपने लिए क्या बताते हो,तुम सब कर सकते हो तो
इस बार करो, आगे तुम जानते हो
मल्लिका

गुरुवार, 3 अगस्त 2023

बारिश

बरसती धारा पर कुछ कहती हों 
कही कुछ और कंही कुछ नाम
तुम्हारे मेरे घर से तुम समझ दार
लगती हो ये बारिश की बूंदे सूखे
में भी मुस्कुराहट भारती ये बूंदे 
ये बारिश कुछ कहती है 🙏
मल्लिका जैन 

गुरुवार, 6 जुलाई 2023

🧠सोचो तो😃

कहते है दिमाग ऊपर होता है और यही सोचता है
मैं तो दिल की बात करती रही, कमबख्त दिमाग
सोचता भी तो क्या, कहता तुम समझ नहीं रही
और मै खुद को जवाब दे पाती, शायद अब भी
मल्लिका जैन 

मंगलवार, 9 मई 2023

थॉट एंड थिंक

ब मुश्किल मुद्दतों से एक उसे पाया आज उसको भी
कही और पाया मेरा ईश्क उसका तमाशा बन गया
क्या खूब इसकी रहमत का मरहम पाया भरोसा टूट
गया उसने मुझ को इस कदर तन्हा किया, मेरे पास
क्या कुछ नही क्या सब उसकी सरहद से बाहर है
मेरे लिए किसी तरह तो ईनतज़म होता उसकी रहमत
को किसी का भी हौसला न पाया, यँहा सब खरीद दार
है कोई किसी का नही, उसको आज कितना बेबस पाया
मल्लिका जैन

सोमवार, 1 मई 2023

मुद्दत

वफ़ा इश्क का फसाना मशहूर हो गया
शिकायत और शिकवे भी शामिल हो गए
चलो कुछ दूर चलते हैं, फितरत तुम्हारी
पसंद इतनी मुझे की तुम मशहूर और में
भी मशहूर देंखे क्या फ़ितरत निकलती हैं
कुछ करम कुछ नग्मे बस मेरी नसीहत 
मल्लिका

बुधवार, 12 अप्रैल 2023

रहमत में

💮बोलती हूँ, तो मोती झड़ते नही,गुनाह से वास्ता नही
फिर भी दर्द का सामान है, कोई अपना नही मगर
किसी अपने की मुस्कुराते का ईनतजार  है
 शब्दो को पिरोया देंखे क्या बनता हैं, 
रहमत या करम देखे क्या सच होता हैं
मल्लिका जैन🌸

शनिवार, 4 मार्च 2023

इबादत🙌

रूह को सुकून और दर्द को मरहम दे दिया
एक अनजाने अनुभव ने जन्म ले लिया
महक खुसबू सब बस गई मुझ में आज हूँ
कल भी रहूंगा किसी के हजन में हंसता 
😀😁
मल्लिका जैन

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

🌸साथ💐

अक्सर पूछती हूँ खुद से क्या कोई ईश्वर हैं
जवाब खामोश हैं,कुछ अजीब सी बातें हैं
एक अनजान सस तत्व है जो कहता है वो है
पर कौन जवाब मिलता ही नही,क्या अंत बुरा है
क्या जन्म अच्छा है या फिर जो मेरा तमाशा बनाते
वे स्तय हैं ये कैसे सम्भव है, जो मेरा नही वो नही है
और जो मेरा है वो किसी और का कभी हो नही सकता
ये जब जनती हूँ तो वो कौन है जिसे मैं आवाज देती हूं
मल्लिका जैन🌸

बुधवार, 11 जनवरी 2023

😁दर दीवार पर रौनक😁

😀दरबार मे उसके हाजरी लगी कई बार😁
मैं पूछ रहा था,सुन मेरी शिकायत कब सुनोगे
कभी तो जवाब दो, कितनी बार चला,तुम्हारे
लिए, कोई कसम तोड़ दी, कभी सहम गया
पर ये क्या तुम सुनती नही कुछ करती हो क्या
सवाल जवाब बर्खास्त कर दिये तमाशे सलामत
दिल लगा लिया, पर उसकी सादगी ने ठग लिया
मैं मुस्कुरा ता रहा और उसने करवट बदल ली
अदायगी नजरो और रहमतो की है,नज़राना
तस्व्वुर का कमबख्त आज तो रेशमी अंचल
का आसरा दे,में सोदायी नही जो मुकर जाऊंगा
अब तो मेरी हाजरी पे गौर कर,मोहब्बत इतनी
भी बुरी नही इश्क है तो अदा क़तील लाज़मी
फिर भी फूल तो खिल जाएगा,असर कदर फना
कुछ तो मेरा लिबास बन जायेगा,🌸💐💮🌿
😀😁😀😁
मल्लिका जैन

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...