गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

🌸साथ💐

अक्सर पूछती हूँ खुद से क्या कोई ईश्वर हैं
जवाब खामोश हैं,कुछ अजीब सी बातें हैं
एक अनजान सस तत्व है जो कहता है वो है
पर कौन जवाब मिलता ही नही,क्या अंत बुरा है
क्या जन्म अच्छा है या फिर जो मेरा तमाशा बनाते
वे स्तय हैं ये कैसे सम्भव है, जो मेरा नही वो नही है
और जो मेरा है वो किसी और का कभी हो नही सकता
ये जब जनती हूँ तो वो कौन है जिसे मैं आवाज देती हूं
मल्लिका जैन🌸

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...