बुधवार, 25 अगस्त 2021

दोस्त

अकसर दोस्तो में एक तेरा  नाम आया,मिले कई मुझे,पर तुझ सा एक तुझे ही पाया, में अक्सर फकीरी में रहता
हूँ, पर हुनर जज्बातों का आज भी रखता हूँ, दोस्त हूँ
इस दुनियां के कई निराले दस्तूर देखे,अक्सर, उनमे
रंग भरे,ख़्याल और हकीकत के,में दोस्त हूँ,अक्सर
दोस्तों में एक तेरा नाम आया,न शिक़वा न गिला बचा
बस दोस्ती का एक नाम आया
मल्लिका😀

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...