हूँ, पर हुनर जज्बातों का आज भी रखता हूँ, दोस्त हूँ
इस दुनियां के कई निराले दस्तूर देखे,अक्सर, उनमे
रंग भरे,ख़्याल और हकीकत के,में दोस्त हूँ,अक्सर
दोस्तों में एक तेरा नाम आया,न शिक़वा न गिला बचा
बस दोस्ती का एक नाम आया
मल्लिका😀
उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...