शनिवार, 4 मार्च 2023

इबादत🙌

रूह को सुकून और दर्द को मरहम दे दिया
एक अनजाने अनुभव ने जन्म ले लिया
महक खुसबू सब बस गई मुझ में आज हूँ
कल भी रहूंगा किसी के हजन में हंसता 
😀😁
मल्लिका जैन

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...