👍मेरी ख्वाहिशों की दुकान में क्या क्या जुड़ जाता,😃
😃कभी बेटे की पढ़ाई की चिंता,तो कभी खुद की😃
😃किस्मत का किस्सा इन उलझे सुलझे विचारो के😃
😃कहीं किसी अपने का याद आना,अखर जाता हैं😃
😃समय है कि रुकता नहीं,और सब्र है हारता नहीं😃
😃मुझ को शौक भी कैसे हैं, घर की दहलीज के सब😃
😃सपने देखने ,रोज याद दिलाते है,चल अभी और😃
😃 मुकद्दर बात बंद,आज फिर मुझे कहीं नौकरी की😃
😃की तलाश में जाना है और,आज तो मिल ही जाए😃
😃यही ज़िन्दगी की कहानी है मेरी कलम से मेरी 😃
😃अपनी कहानी है, दुनियां और दोस्तो की बात 😃
😃च लरहने दे ख्वाहिश, नई बनानी है, छोड़ कविता😃
🌻अभी तो आज की कहानी बनानी है🌻
💓 मल्लिका जैन,💓