शनिवार, 26 दिसंबर 2020

मकान🌁

मकान कई घर बनते तो होंगे,सजावट के सामान
कभी,मुस्कुराते तो होंगे,अक्सर घर की दीवारों पर
खुशियां और गम में कोई तो साथ रहता होगा,कभी
कोई दुनियां में घर भी सम्मान पाते तो होंगे,ऐसे ही
मकान कही घर बन ते तो होंगे 🌁
मल्लिका जैन 🎉

बुधवार, 23 दिसंबर 2020

रिश्ते 👍

बदलते वक्त में रिश्ते बदल जाते हैं फिर भी,
कुछ अपने साथ रह जाते है,कोशिश करते है,
सब अपनी अपनी,सब की राह और मजिल हैं,
जाना कान्हा पता तो चले,राह से गुज़र जाते,
है,फिर भी रिश्ते दुनियां में अपना सम्मान बनाए
रखते है,कभी चुप और कभी खिलखिलाते,
दर्द मे भी साथ निभाते हैं,यही रिश्ते,ज़िन्दगी 
बना देते है,💝
मल्लिका जैन

सोमवार, 14 दिसंबर 2020

आज मुस्कुराते हैं

आज भी हंसते हैं,आज भी तेरे लिय जी लेते है,
कही से कुछ और कही से कुछ, सजाते,संवारते
है,तेरी हकीकत जान कर भी,तुझे,पुकारते है,
ये तेरा अपना पन या,मेरा दीवाना पन😀।
मल्लिका जैन 😀

रविवार, 13 दिसंबर 2020

ये अजनबी🌪️

किसी को क्या कहे,अजनबी है,फिर भी,
तलाश किसकी है रचना अक्सर मेरी होती हैं,फिर ,
भी किरदार बन जाते है,अपनी जरूरत पर किसी
की सहायता कैसे,जब मै हूं नहीं तो मुझ से वास्ता
कैसा,मेरी समझ भी इतनी नहीं,और तस्वीरें बोलती
नहीं,धोखे देते हुए सच सा लगता हैं,ये सब समझ लेती हूं
मगर किसी दिन तुम इस तकलीफ से गुजरना मेरी नहीं
अपनी बात करना,हिम्मत कर सको तो,अपनी हकीकत
को, बताने की अपने स्तर पर बताना, अजनबी तुम हो या
मै,ये बात मुझे समझ ही आ जायेगी, मुझे तुम्हारी जरूरत
नहीं,और तुम्हे मेरी जरूरत नहीं,अजनबी तो अजनबी है
मल्लिका जैन🌪️

सोमवार, 7 दिसंबर 2020

रोशनी

जग मग दीपो से जलते हैं,सुन्दर लगते है,
दीपावली मना रहे, अच्छे लगते हैं,देखो,
सजी बनावट को,अच्छी है,तुम ने या मैने
बनाई है, पता नहीं कितने साल मनाई फिर
भी, वैसी ही है अच्छी तब भी थी आज भी
💐

गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

ये रोज की बात

कितनी मुश्किल से तुम पर भरोसा करते है,
और तुम हमेशा धोखा दे देते हो,क्या किसी के
बहकावे मे आते हो,तुम अब मेरा वो सच नहीं हो,
मेरे लिए तुम कभी थे हि नहीं,तुम्हारी,ही अपनी बात है
तुम्हारे लिए में कुछ नहीं, न मेरा वजूद ही मायने रखता है,बस अब तो रहने दो मेरी ज़िन्दगी जी ही लूंगी,तुम
भी खुश रह ही लोगे 👍😀🙏
मल्लिका जैन 🙏

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...