💨की मेरी रूह को परेशा करे,या मेरी ज़िन्दगी के सौदे करें, मै जिऊ कैसे,और मरू कैसे,कहते है सब अच्छा
कहते हैं,सच कितना, झूठ और बोना बन गया,नकाब
पे सब कुर्बान हो गया,काश कि मिल सकता, सुकून मुझे
कहीं तो उसे उससे ही मांग लेती,वो दोस्त शायद मेरा बन
जाता,समय के पल सब खत्म हो गए, इस्त्री की समझ नहीं,और कहते है खुदा हो गए👏
🤷🤷🤷🤷😈👿