सोमवार, 28 मार्च 2022

😁🌷मन मुखरित 🙌

मैं मन से पूछ ही लेती किस और चला क्या परिणाम में 
मुस्कुरा ते हो किन्ही को किन्ही से मिलते हो,किसी अवस्था मे हो तुम मेरी या तुम्हारी किस की बात करु
मैं नज़र नही आती तुम भी तो दिखाई नही देते, जाने कन्हा रहते हो न पता न ठिकाना, अस्तित्व के प्रश्न चिन्हों में छुपे हो तुम तो क़िस्से कहानी भी नही बनाते, मेरे किये का क्या कोई जश्न या शोक मानते हो,या फिर कही खुशियों की दुकान सजाते हो, किसका कितना भाव लगते हो, क्या और कुछ भी करते हो तमाम प्रयासों में
किसका साथ देते हो या फिर बस ऐसे ही कही चल देते हो निरुत्तर हो जाते मेरे प्रश्नों से रे मन तेरी दशा कैसी है
🤔मल्लिका जैन🤗

गुरुवार, 24 मार्च 2022

🙏सुबह की पहचान😀

मैं कहती सुबह से कैसी हो, यँहा जमीन कैसी लगती हैं
तुम जलती हो कितना फिर भी,में तुमको ठंडक देती हूं 
तुम कुछ आप ने ही ताने बाने बनाती हो,क्या कभी, सोचती हो,आज किसी को तो फिर अपनी बात बताओगी,ये परिंदे जो कहते है तुम अच्छी हो इनसे क्या
कहोगी,क्या मेरी ज़िंदगी मैं तुम भी किन्ही धर्मो का
विवाद ले आओगी,या किसी निर्विवाद से खिली खिली
बिखरती इस धरती को खूबसूरत बनाओगी, यँहा कोई
अपना से नही फिर भी तमाशे खुब हैं औऱ तुम क्या 
और दुनिया मे जाओगी, कितना किसको बट गया क्या
हिसाब लगाओगी,अपनी धूप और गर्मी की भी क्या कोई
बात मुझे बताओगी, ये सुबह की पहचान है, जो सदियों से चलती हैं अच्छा है अच्छी है
🤔मल्लिका जैन😀

बुधवार, 2 मार्च 2022

🤔वक्त🤔

सोचती हूँ कि ये दर्द क्या होता हैं कही मेरे जैसा तो नही
फिर लगता हैं शायद इसकी और कोई तस्वीर होगी,
मुझे सब कह देते है कि तुम कुछ नहीं जिसे समर्थ
लोगो का समर्थन प्राप्त हो गया, क्या इनके कर्म के
नियम अलग है, ये जो लोग हैं मुझे कुछ दे नही सकते
पर इनके नियम पता नही, मुझे तकलीफ़ दी दर्द दिया
कितनी शिकायत करु सुनेगा कौन, अब न ख़ौफ का
डर न ही उसकी कोई जरूरत ये अजीब है फिर भी
कही मेरा अस्तित्व तो होगा जरूर
🤔😁

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...