बुधवार, 28 दिसंबर 2022

💐रहमतों में उसकी कमी है,💮

किस के नाम पर आज ये किसका
जनाजा निकाला मेरा,कत्ल करके
मुझ को ही मेरी हद का दौर दिख दिया
तू तो काबिल है तो मेरी सोहरत क्या कम 
थी,जो तुझे तकलीफ हो गई, खूबसूरत
अदाएं अच्छी है पर क्या तेरी महफ़िल 
उस लायक हैं, तू मेरे दरवाजे के भिखारी भी
नही, और फिर भी तेरी सोहबत सस्ती नही
मुकम्ल दौर कही भी नही ,तेरी हस्ती को
चोनोती देती नही फिर भी तुम मेरी आदत नही
कितना खुश रखे तुजे हिसाब खुद ही रख लेना
कभी ज़िन्दगी मिले मेरी नज़र का सदका, तोहफे
में लोगो क्या, तेरी गलतियों की सजा कौन देगा तुझे
तेरे आईने को साफ कर आज का उधार कभी तो चुका
देना 🙏
मल्लिका जैन


मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...