शिकायत और शिकवे भी शामिल हो गए
चलो कुछ दूर चलते हैं, फितरत तुम्हारी
पसंद इतनी मुझे की तुम मशहूर और में
भी मशहूर देंखे क्या फ़ितरत निकलती हैं
कुछ करम कुछ नग्मे बस मेरी नसीहत
मल्लिका
उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...
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