कभी किसी के पास पैसे की कमी तो कभी
बटुआ खो गया,क्या कहे यारो की महफ़िल
सजी तो खर्चा कुछ ज्यादा हो गया,कभी तो
हो ऐसा सूदखोरों के पास भी राशन का हिसाब
मिले इस रोजी रोटी का कुछ तो हिसाब मिले
कुछ तो जवाबदरी निभा लेते कभी तो जिम्मेदारी
निभा लेते,हम बेअक्ल ही सही तुम तो ..
मल्लिका सिंह