यंहा मेरा भी सच अजीब लगता हैं, आज कल
तो अपना कौन पराया कौन समझ नही आता,
कौन किसको क्या कर दे कुछ पता नही,
मेरे पास तो ऐसा कुछ नहीं,
मल्लिक जैन
उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...