बुधवार, 31 जुलाई 2019

😂Feelings 😂

Feelings👪

No one can undarstend,🤔
Pain in a Lady,😪
Feel like,marvles💢
Feel like, my self,💝
Feel,lile I am,🙏
No such thing,👏
in this whole  world🔵
Like a Lady,because👩‍⚖️
I am a Lady,👩‍🌾
And only I am able to forgive,🙌🙏
Everybody, because,🤚
I know my,Self well,👌
My request to all please,🙏
Tack care of your loved ones,💖
Till fight is not required,not fight,😷
A family,A Frind,A child,A guru💫
A tree,A bird, you all my whole,💞🌐🗺
live  happly,whol environment.
Sweet night is good,🖤 🔱⚜A day is good,🔆💟🔅
As,par my opinion,💭
Expect my innar beings. ..
💕🤝☸🕉☸ 💗💖☯✝☪☮✡🔆

Not :-please as simple,these word life is good🌹
'' I can not change  other but I create  my self better living ''

Mallika jain.


शुक्रवार, 19 जुलाई 2019

👌😂तमाशबीन दुनिया तमाशे की👌🤔

तमाशबीन दुनिया तमाशे की

तमाशा बिनो की दुनिया में आज एक नया नाम फिर
तेरा जुड़ गया, तू जाने क्या है? आज तेरे अस्तित्व
पर फिर प्रश्चिह्न् लग गया?
मेरी सामान्य भाषा तू समझ नहीं पाता और तेरी
उलझी बातो की समझ मुजको नहीं,
तेरे कितने ही फैसले हर पल बदल गए,
मेरे जख्म आज फिर हरे हो गए,
में रो भी लू तो कहते है तेरी मर्जी हंस लू तो तेरी मर्जी
फ़र्क इतना है तुझ में और मुझ में तुम दूर की भी देख
लेते हो,और मेरी तो सांसो का भी हिसाब,नहीं,
बस में होता मेरे तो जला और फूंक देती अपने
दोषी को, जिसे मेरी फिक्र नहीं उसे तू मेरा
रहबर बना देता है, खुद दूर कहीं रहता है,
मुझ से जीत नहीं पता तो मुझ को ही दोषी बना देता है,
कभी तो अहसास ही कर लेता मेरी तकलीफ का,
कभी तो रो ही लेता अपने उत्सव के जश्न पर,
कब मुस्कुराया होगा तू तेरी जीत पे,
कितनी शब्दावलियों से तूने शब्द खोजे होगे,
न इंसान ही है तू न देवता न दानव न अवतार,
तू क्या है तू ही जान, काश मुझे समझ सकता,
कभी तो मै भी तुझे अपना दोस्त कहती,
मल्लिका जैन

तमाशबीन दुनिया तमाशे की

तमाशा बिनो की दुनिया में आज एक नया नाम फिर
तेरा जुड़ गया, तू जाने क्या है? आज तेरे अस्तित्व
पर फिर प्रश्चिह्न् लग गया?
मेरी सामान्य भाषा तू समझ नहीं पाता और तेरी
उलझी बातो की समझ मुजको नहीं,
तेरे कितने ही फैसले हर पल बदल गए,
मेरे जख्म आज फिर हरे हो गए,
में रो भी लू तो कहते है तेरी मर्जी हंस लू तो तेरी मर्जी
फ़र्क इतना है तुझ में और मुझ में तुम दूर की भी देख
लेते हो,और मेरी तो सांसो का भी हिसाब,नहीं,
बस में होता मेरे तो जला और फूंक देती अपने
दोषी को, जिसे मेरी फिक्र नहीं उसे तू मेरा
रहबर बना देता है, खुद दूर कहीं रहता है,
मुझ से जीत नहीं पता तो मुझ को ही दोषी बना देता है,
कभी तो अहसास ही कर लेता मेरी तकलीफ का,
कभी तो रो ही लेता अपने उत्सव के जश्न पर,
कब मुस्कुराया होगा तू तेरी जीत पे,
कितनी शब्दावलियों से तूने शब्द खोजे होगे,
न इंसान ही है तू न देवता न दानव न अवतार,
तू क्या है तू ही जान, काश मुझे समझ सकता,
कभी तो मै भी तुझे अपना दोस्त कहती,
मल्लिका जैन

मंगलवार, 16 जुलाई 2019

😖😡आदत😈👿

आदत
आदत कुछ उसकी पड़ ही गई,
न जीने का पता ही देती हैं न मरने
की कमी महसूस होने देती है,
भला मौत से क्या डरु कल आती
हो आज ही आ जाये, एक बार
आ ही जाए ज़िन्दगी अब तुझे जीने
का शौक ख़त्म हो गया,तुझको
संवारने के किस्से भी ख़त्म हो ही
गया, जैसे कोई पुराने खत में
लिपटी याद थी तू, आज तो तूने
मेरा वजूद ही मिटा दिया, न दर्द
का अहसास बचा न किसी का
डर की कमी ही रही तू तो
इतनी कामिनी न थी तुझे कब से
ये सोहबत लग गई, कहते है कोई
प्यार से ज़िन्दगी संवर जाती हैं
यंहा तो न प्यार पे भरोसा ही रहा
और न ही धर्मो के उपदेश की फिक्र
किसे कब मुझको जला के फूंक ताप
दिया, इसकी भी खबर न हुई,
अब इस शरीर मे जीत कौन है,एक
खामोश सोहबत या फ़िर कोई बेनक़ाब
सी फ़ितरत में तुझे मारू किस तरह,
कोई औज़ार तो मिले और तू भी
दिखाई तो दे, मारने की कीमत भी न
लगा उ और कोई तोफा भी न मांगू
हंसु इतना कि आंसू आ जाये
ज़िन्दगी चल आज फिर तुझे अपना
ही किस्सा सुनाऊ,😠

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...