गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023

⚕️🏵️यादों की हकीकत ☸️ 🕉️

कुछ यादों के गलियारों से हम या तुम गुजरते हैं
हम हम नही तुम तुम नही,पर क्या कोई सवाल तेरे
तृप्ति बाकी है मंजिल की ज़िद सफर की तेरे मेरे
गाड़ियों की सवारी के सुकून है मै तो मुफलिसी 
मै भी खुश पर उनका क्या करू जो खुश मिजाज़
बरकातो में जीते हैं कही से कोई तार जोड़ लेते हैं
मै मै हूं नही लगता तो यही है तुम क्या तुम हो?
कार्य क्यो पूरे हो नही रहे,क्या तुम सम्हाल रहे हो
अब तो कुछ तृप्त करने जैसा करो,रोज की कहानी
के किरदार तुमने बनाएं क्या ईमानदारी क्या बेईमानी
कुछ तो करो तुम या अब कुछ तो करो👍🤔🌕
✡️⚛️मल्लिका जैन⚕️ ☸️

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...