कितना कुछ सीखा देती हैं,पर लगता है मुझे
फिर भी कम ही है जाने क्या सीखती हूं जाने क्या
समझ ती हूं, तू ही जाने कोन से साज सामान के साथ रहती हैं,ये वक़्त की दुनिया दारी है,या तेरी जवाबदारी,
कोन जाने,मुझे तो समझ इतनी नहीं जितनी मै और मेरा
कुछ खास समझ दार मन बहलाने को जवाब देता है,
अच्छा है फिर भी तेरा इंज़म अच्छा है।🤗
मल्लिका जैन 🙏