मैं पूछ रहा था,सुन मेरी शिकायत कब सुनोगे
कभी तो जवाब दो, कितनी बार चला,तुम्हारे
लिए, कोई कसम तोड़ दी, कभी सहम गया
पर ये क्या तुम सुनती नही कुछ करती हो क्या
सवाल जवाब बर्खास्त कर दिये तमाशे सलामत
दिल लगा लिया, पर उसकी सादगी ने ठग लिया
मैं मुस्कुरा ता रहा और उसने करवट बदल ली
अदायगी नजरो और रहमतो की है,नज़राना
तस्व्वुर का कमबख्त आज तो रेशमी अंचल
का आसरा दे,में सोदायी नही जो मुकर जाऊंगा
अब तो मेरी हाजरी पे गौर कर,मोहब्बत इतनी
भी बुरी नही इश्क है तो अदा क़तील लाज़मी
फिर भी फूल तो खिल जाएगा,असर कदर फना
कुछ तो मेरा लिबास बन जायेगा,🌸💐💮🌿
😀😁😀😁
मल्लिका जैन