बुधवार, 24 अप्रैल 2024

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू
यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर 
तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू 
तुम कभी आओ तो सही, क्या मै गलत
और तुम सही हर बार, क्या मेरी बात तुम
समझते हो मुस्कुराने की इजाजत देते हो 
आंखों में अश्क भर के ,कभी इसको निभाने
आओ तो सही, मै जानती हूं या नहीं पर
मेरी बात सुनो तो सही, ठीक हो तुम्हारी बात
पर मेरी बात भी तो मानो, रहस्यों से परे
मै तुम्हे जान नही पाती पर तुम मेरी बात
मानो तो सही
मल्लिका जैन 

रविवार, 10 दिसंबर 2023

खुश

मुस्कुराहट खुशी जैसे कुछ शब्द ही तो हैं
क्या तुम्हे पता है इन्हे बनाए रखने में क्या
लगता है चलो आज तुम्हे बताती हूं, मै
थोड़ा धैर्य इंतजार हर बार की अब ये पूरा हुआ
तुम फिर बिगाड़ देते हो जैसे तुम्हे खुशी 😀
पसंद है फिर तुम उसे आने क्यों नही देते
मेरे अपने हकीकत पूरे क्यों नही करते
क्या तुम्हारी शिकायत करू तुम बुरे हो 
बोहत बुरे तुम मुझे चोट क्यों देना चाहते हो
तुम्हे कोई हक नही मेरी खुशियों को छीनने का
तुम कभी खुद का हिसाब लो तुम बुरे हो
फिर भी कोशिश करती हूं शायद समझ जाओ
शायद 
मल्लिका जैन

गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023

⚕️🏵️यादों की हकीकत ☸️ 🕉️

कुछ यादों के गलियारों से हम या तुम गुजरते हैं
हम हम नही तुम तुम नही,पर क्या कोई सवाल तेरे
तृप्ति बाकी है मंजिल की ज़िद सफर की तेरे मेरे
गाड़ियों की सवारी के सुकून है मै तो मुफलिसी 
मै भी खुश पर उनका क्या करू जो खुश मिजाज़
बरकातो में जीते हैं कही से कोई तार जोड़ लेते हैं
मै मै हूं नही लगता तो यही है तुम क्या तुम हो?
कार्य क्यो पूरे हो नही रहे,क्या तुम सम्हाल रहे हो
अब तो कुछ तृप्त करने जैसा करो,रोज की कहानी
के किरदार तुमने बनाएं क्या ईमानदारी क्या बेईमानी
कुछ तो करो तुम या अब कुछ तो करो👍🤔🌕
✡️⚛️मल्लिका जैन⚕️ ☸️

मंगलवार, 19 सितंबर 2023

🌕प्राप्ति और तृप्ति🏵️

🌅ये तेरे मेरे सपनो की हकीकत का मुकाम जन्हा कन्हआ है प्राप्ति
तेरे मेरे बीच तृप्ति का फलसफा क्या नया है तुम कभी
मानोगी तृप्ति में शिव बनू या विष्णू तुम कब रोहित होगी
न मुझे अलविदा कहना न तुम्हे रुकना,तेरे साथ सफर
पर चलते काफिले का सच क्या जानना जरूरी है तृप्ति
चल आज नया रुख करते हैं में कहानी लिखता हूं प्राप्ति
तू निगेहबान बन जा मै मुस्करा दू तू मोहब्त बन जा मेरे
संसार की पैरवी तो कर, आज क्या फिर से उगाऊ तुम्हे
क्या चांद सूरज की तृप्ति बताऊं मेरे चक्रों का खेल
निराला है आज तृप्ति में घर्षण और साथ चलने की कहानी बात बताऊं मेरे सहोदरो की बात या उनके अंक
विश्वाश अंधविश्वास के किस्से क्या बताऊं, तू किसके हक में जायेगी मेरी तृप्ति मेरी प्राप्ति और कितना तृष्णा
का खेल चल मांन जा कुछ प्रेम की बाते करते हैं हौसला अफजाई करते हैं मै संपूर्ण हुं तेरे बिना ऐसा कहा ही कब
चल आज हंस लेते कुछ गुगूना लेते है में रहबर तू रूबाई बन जा, मै गुनगुनाऊ तू सितार बन जा,चल तृप्ति आज मेरी प्राप्ति बन जा🥰⛄
मल्लिका स्प्रिचुअल काउंसलर

रविवार, 10 सितंबर 2023

🌺बने फसाने🏵️

अहससो में मंजूरी दू या राहों में तस्वीर सी बने
मंजूर क्या करू  मेरा फैसला भी बेहतर बने
रूबाई या शहनाई, वादक,क्या कोई गजल बने
 गम या मुहब्बत या रोजी रोटी का हिसाब बने
ताना बाना बुनकर आज कोई सुकून बने
आशाओं की खुशबू इंतजारो के कायदे बने
मेरी उदासियो के आज फिर तराने बने
🦚मल्लिका जैन ⛄

रविवार, 3 सितंबर 2023

आज ब मुश्किल तकलीफ को समझा

ए मेरे रहमत खुदा ईश्वर भगवान और क्या नाम दू तुम्हे
कन्हा हो तुम क्या मेरे बात सुनते हो, कैसे पुकारू तुम्हे
तुम किस रास्ते जाते हो,मुझे आजकल मिलते नही,
दोस्ती तुमसे गहरी है,मुस्कुराहट का रिश्ता अब भी बदला नहीं, मै जानती हूं की कुछ की कीमत नही होती,पर
जो ये गृहस्थी चलानी हो तो क्या करू तुमसे नहीं तो किस्से कहूं,, अच्छा आज फिर मोहब्बत जज्बात पर बात करु या कुछ या तरन्नुम क्या अच्छा अब कब
मल्लिका जैन 🥰

शुक्रवार, 25 अगस्त 2023

मुस्किल

समाना मुस्कील का करु कैसे अपनी बातो को सफल बनाऊं कैसे जवाब लाऊ कैसे जो जवाब है उनको
सत्य बनाऊं कैसे।
मल्लिका 

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...