भी आराम आता हैं में तो उसके लिए प्रयास करती
हूँ जो प्रप्त हो कर भी अप्राप्त हो गया, मेरी अँखियों में सपने दे गया, हंस लेती हूं मन्द मन्द में फिर वो आनद मय मुझ में ही हो जाता हैं मकसद और हकीकत
में लिपटा मेरा ही अफसाना सोहबत में प्रस्सन विकसित और पुलकित हो जाता हैं, मेरी उसनिदि अँखियों को आराम आता हैं😴
🌾मल्लिका 🤗