गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

😴उसनिंद😴

😊उसनिंद अँखियों को आराम आता मन को
भी आराम आता हैं में तो उसके लिए प्रयास करती
हूँ जो प्रप्त हो कर भी अप्राप्त हो गया, मेरी अँखियों में सपने दे गया, हंस लेती हूं मन्द मन्द में फिर वो आनद मय मुझ में ही हो जाता हैं मकसद और हकीकत
में लिपटा मेरा ही अफसाना सोहबत में प्रस्सन विकसित और पुलकित हो जाता हैं, मेरी उसनिदि अँखियों को आराम आता हैं😴
🌾मल्लिका 🤗

शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

😁निम्न और उच्च स्तर🌼

🌵निभाने निकली कुछ अपने ही फसाने, आया सामने 
बड़ा ही कठिन सवाल कहने और समझ ने भी मुश्किल
निभाने की तो बात ही क्या,अनचाहे ही मुझे किसी राह
चलना था,सतत निरंतर, "उच्च स्तर की दौड और निम्न
स्तर की दौड" अलग लगने लगी यात्री के सफर भी अलग पर क्या सच मे पथ अलग हो जाता हैं या बस सवाल रह जाता है" निम्न और उच्च स्तर की दौड़," सजल नम आंखे जहालत ही हद और दर्द और फिर सुख के दोस्त कैसे पाएंगे यँहा अपना सा कोई नही सब किसी स्वार्थ से बंधे निकल पड़ते है फिर से "निम्न और उच्च स्तर की दौड़ में"
🌸मल्लिका जैन🏵️

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...