बुधवार, 29 जुलाई 2020

मेरी तो उम्र🌝

मेरी तो उम्र कट गई तमाम हालात में,कहते
हैं शिद्दत से देवता को पुकारो,तो वो भी आते
मगर मेरे लिए तो बस कहानियां ही उम्र बन 
गई,न कोई अपना पता चला न उसका, उम्र
मेरी उसकी सोहबत फिर भी न बन सकी,
बस चंद अल्फाज और कहानी से ही उम्र
कट गई ,आज तुम समझे नहीं,यादों से,भी
गुज़रे नहीं, ज़माना हुआ,मेरी उम्र का सिलसिला,
रुकता नहीं तुम ही तुम तो रहते हो हर,वक़्त,
कभी हार के भी देखो,जितने कि आदत इस,
क़दर की खुद किसकी उम्र में उलझ गए,
तुम्हे खुद भी पता नहीं,ये जो तमाशा,लगते हो,
दुनियां में जान किस बात पे उम्र का सजो समान,
सजा देते हो,क्या तुम ऐसे ही हो,या फिर कभी,
अपनी उम्र भी कहीं बिता रहे हो,तबीयत तो ठीक,
है हालात का क्या है आज कुछ कल कुछ,बस
इस उम्र के सफ़र में कुछ समझ दारी भी, डाल
दो तमाम इंसानों में थोड़ी गेरत भी डाल दो,
और तुम कभी न आए न आओगे,....😠🤫

शनिवार, 25 जुलाई 2020

अपनी अपनी धुन 🤔

किसी की जीत और किसी की कोशिश,सब अच्छी हैं,
मैं जानती नहीं जिनको,पहचान भी नहीं पाती,फिर भी,
उनकी सबकी कोशिश करती धुन अच्छी हैं, मै तो जीत,
नहीं पाती अक्सर,फिर भी गुनगुनाती महकती सुबह
अच्छी हैं,कुछ लम्हों में ज़िन्दगी से मिला देती,ऐसी,
राह अच्छी हैं,,,✨🧮
मल्लिका जैन ☕🧮

शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

कहते है सब🤔

कहते हैं सब की एक दिन अच्छा है पता नहीं कब,
रोज सुबह तो ऐसी ही होती हैं,मगर कुछ भी,समझ,
किसी की आता है,लगता है नहीं या हां पता नहीं,
कितना और वक़्त,समझ नहीं आता,🤔

बुधवार, 22 जुलाई 2020

आज की तारीख 💖

हंसती, गुनगुनाती आज की तारीख़, कसीदे पड़ती है
आज की तारीख़, मै अच्छी,हूं या लड़ती हूं किसी से,
कोन जाने,अपने लिए आसमान तलाश करती तारीख़,
रहने को कहा घर तलाश करती, तारीख़, अब कान्हा,
जाऊ ये सोचती तारीख़, आज तो मै खुद ही ख़त्म हो,
गई लगता है फिर अब किस को क्या कहूं,अब तो मुझे,
अच्छा कहती तारीख़,चलो आज सब खुश तो रहोगे,
मुझ को अब तबस्सुम में ही पाओगे💖😁

सोमवार, 20 जुलाई 2020

ये कैसी व्यवस्था 🤔

ये कैसी व्यवस्था तूने बना दी है,न तो मेरी,
समझ आती हैं और न ही तुम बदलते हो,
मुझ को और कितना बदनाम करोगे,सोचो
तो,ज़िन्दगी भी बोझ तो नहीं फिर,मेरी सीधी,
बातों को क्यो बेवजह गलत, कह देते हो,
तुमने,अपनी मर्जी से नियम बाना दिया,और,
मैने कब तुम्हरा सम्मान नहीं किया, इतना तो,
बताओ,ये कौन से लोग है जो जीना सीखा,
ते हैं या फिर खुद को किसी तरह बचा रहे,
बिना कसूर की आज भी तुम साजा बांट रहे 💖
मल्लिका जैन 😭

मुझ से दूर ही रहो🤔

मै अक्सर चुप हूं मगर आजकल बोलती हूं 
जाने कान्हा बंद हूं,खुद को तलाश रही,मिलता,
कोई जवाब कहीं से नहीं कोई भी तो इतना ,
अपना मिलता नहीं,किसको हम अपना कह
नहीं सकते,सब फ़रिश्ते तो नहीं,मगर,साजिश,
क्या रच दी इन हवाओं में किसने कौन जाने,
कुछ पता चलता नहीं,ऊपर भी कोई अपना,
रहा नहीं न कोई नीचे,साथ भी कोई रहता नहीं,
सब के अपने चर चे अपनी ही धुन है,और मै
भी कहीं दूर कान्हा कुछ पता नहीं 🤔
मल्लिका जैन 😇🤨


रविवार, 19 जुलाई 2020

ये आज की शिक्षा 🤫

चुपचाप रखी बच्चों की किताबें,कहानी से हकीकत,
कहती किताबें, शिक्षक के लिए साथ निभाती, किताबें,
दुकानों पर बिकती किताबें,जाने कितने ही किताबें,
जाने कोन, किसकी क्या कीमत लग जाती है, किताबें,
चुप रह ती है और अपनी ही बात बताती हैं किताबें,
🧮मल्लिका जैन 🎑

शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

ये तेरी सोहबत💖

ये तेरी सोहबत का असर हैं,की मै भी ज़हीन हो,
गई हूं तेरे लिए जीती हूं, ज़िन्दगी,और तेरे लिए ही
काटे भी बचा लेती हूं, तुम भी तो कुछ कम नहीं,
अक्सर मेरी हो, पर पहचान फिर भी नहीं पाती,
तेरे लिए दरवाजा खोला देती हूं,पर तुम आती क्यो,
नहीं,इस बार सीधे रास्ते आओ तो सही,सोहबत
का असर मनाए तो सही💖
🦸मल्लिका जैन 😍🧘

आज कल से अच्छा

आज कल से अच्छा है,पता नहीं किस ने कितना,
क्या किया,किसी को तेजी तो किसी को धीमा,
समय के हिसाब से जाने कौन चला,में आगे हूं,
या नहीं कौन जाने,लोगो के पास समय कितना,
कौन जाने, शौहरत शोर या फिर किसी के पास,
याद तो किसी के पास कुछ और ही है, हम भी,
कितने सवाल कर रहे हैं,खुद से जवाब पता,नहीं,
और मेरे पास भी तो कुछ बचा है,लगता है,आज
किस्मत मेहरबान हैं और आज कल से अच्छा है,
मल्लिका जैन 😍✨

बुधवार, 15 जुलाई 2020

रास्ते ऐसे भी ☺️

मै जब भी कोई बात करती हूं जाने क्या होता है,
कुछ रुक जाता हैं, राह में कांटे तो नहीं, पर फूल,
भी कान्हा खिल पाते हैं,सच लोगो को दिखाई नहीं,
देता और हकीकत से वास्ता भला रखता ही कोन,
है,लोग कान्हा अपने घर परिवार कि बात करते है,
मैं तो बस खुद ही समझ नहीं पाती, इंतना,बड़ा,
जहान,किस से किस को क्या मिला कौन जाने,
मेरे पास तो वहीं ख़ाली हांथ है,☺️🧘
मल्लिका जैन 🌝

रविवार, 12 जुलाई 2020

अपनों से शिकायत क्या,

मेरे पास अब भी कुछ नहीं,कहने को सब,
मगर,मेरे लिए कुछ नहीं,अपना कोई है नहीं,
और तुम तो हमेशा गैर ही थे,अब तो ठीक,
हैं,न तुम्हारे अपने तुम्हारे साथ हैं,अब तो,
शिकायत नहीं,फिर अब तो मुझे,जाने दो,
तुम्हारा सब तुम्हारे पास,और तुम्हे मेरी,आज
भी कोई जरूरत नहीं,हमेशा की तरह, मुझे,
ख़त्म करो और किस्सा ख़त्म 😍

😆मेरे पास तुम नहीं 🧘

एक अच्छा सा मज़ाक,मेरे पास तुम नहीं,
समझ नहीं आता केसे,अकेली हो गई,
न जेब में पैसा न राह का पता ठिकाना,
आज भी,तो अकेली ही हूं हमेशा की तरह,
कहते है,खत अधूरे रह गए,जब भी किसी,
तरह किस्सा ख़त्म हुआ,अक्सर मेरे पास
फिर शुरू तुमने कर दिया,क्यो मेरे साथ,
ऐसे खेल खेलते हो, यां हा तो तुम भी अकेले,
हो,अब सो जाओ सुकून से छोडो,सब देख,
लिया,अब समय बदल गया है,तुम अब,और,
बहस मत करो,अब सुकून से अकेले हो जाओ,
फिर से किस्से बन जाएंगे, चहतो के मान लो
अब सुकून से सो जाओ।💤✨

शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

🧘कहानी 🌪️

हर इंसान के अपने फलसफे अपनी कहानी है,
मै चुप हूं या बोल रही हूं कह नहीं सकती क्योंकि,
मैं तो बस एक कहानी हूं,जब जब तुम,इसको,
पड़ लेते हो,तो शायद अच्छी बन जाती हूं,नहीं,
तो सब के लिए पराई बन जाती हूं,कहते हैं,
खमोशी जुबां बन जाती हैं,पर यहां तो, सन्नाटे,
भी बोल रहे हैं,कोई सुनने वाला ही नहीं,क्या,
कसम है जो तोड रहे बार बार,अरे मै तो बस,
किस्सा हूं,कभी तो तुम्हारे अंदर का कभी,बाहर का,
बस इतना ही है, मै और कुछ नहीं,बस कहती
सुनती रहत हूं,कभी देवता लिख देते, हैं तो कभी
दानव लिख देते, हैं अब तुम्हीं कहो,क्या नहीं,
सुनोगे,या क्या प‌‌ढोगे,नहीं, या फिर चलचित्र,
से बना दी दोगे,तब भी तो कहानी ही हूं,
🦹🏼‍♀️ मल्लिका जैन🦸

मंगलवार, 7 जुलाई 2020

एक काश

💤💬एक काश में अक्सर कई काश होते हैं,शामिल कुछ
नहीं,मगर फिर भी कहीं कोई तलाश होती हैं, जब
भी मै मुस्कुराती हूं अक्सर कोई बात तो होती हैं,
है मेरे भी काश में कोई और काश भी होता है,
देखते ही देखते ज़माना बदल जाता हैं,और, फिर
काश रह जाता हैं, हा मेरे भी काश,में कोई काश
तो अक्सर रहता है,💤💬
मल्लिका जैन 🙋

रविवार, 5 जुलाई 2020

😡हद 😠

हद कर दी,अब तो,तेरे अहसानों ने,मुझ को,
मोहब्बत का पाठ क्या पड़ा, दिया तूने,मेरी,
 ओलाद का कसूर तो बता,उसको भी,तेरे,
अहसानों में दफन किस क़दर कर लिया,
मेरे लिए चिता ही सजा देता,जिसके ,
अहसान,बना दिया उसको ही कमबख्त में
मेरा, ही तलबगार बना दिया,चाहती,हूं,कोई
सलीके की गाली ही दे दू,सालो ने उसका भी,
खरीददार बना दिया,यांहा कोन किसको,कब,
ठग लेता है,पता ही नहीं चलता कोई शरीफ,
बन जाता हैं और मै बस सबूत नहीं,दे पाती,
😡मल्लिका जैन 😠

शनिवार, 4 जुलाई 2020

🌝सब कहते🌝

👺👹मेरी हसरत, से क्या खेलते हो,किस बात पर तुम
इतराते हो,इत्र की कुछ बूंद ही तो हैं,फिर क्यो,
इतना मुझ को परेशान करते हो, ज़िन्दगी मेरी,
तुम्हारी, मोहताज तो नहीं,फिर भी मुझ से क्यो
और किस बात का बदला लेते हो, हा मै नहीं हूं
बाकियों की जैसी, तो क्या मुझे सताओगे, इस
तरह तुम मुझ से जीत नहीं सकते,कभी तो खुद
के बनाए नियम भी बादलों,क्या बादलों मै रह ते
हो,और अपनी जगह बनाने को इंसानों को तंग
करते हो, मुझ तक तुम कभी आए ही नहीं,तो,
किस बात पर तुम मुझ से इस क़दर तकरार ,
करते हो, मै ख़ामोश हूं इसका मतलब ये नहीं,
की तुम मुझ को परेशान करो,आखिर कब तक,
जिसको तूम मेरा कसूर कहते हो,वो मेरा नहीं,
क्या तुम रहोगे उस तरह जिस तरह मुझ से,
कहते हो,शायद नहीं,फिर भी इंसान तुम्हारे,
लिए मजाक बन गया,और तुम क्या बन गए,
मसीहा या फिर कुछ और, हा मै भी नाराज़ हूं
तुम से,क्योंकि जानती हूं कि तुम्हारी हद है,
मगर जिनको ठेकेदार बना दिया मेरी ज़िन्दगी,
का किस अधिकार से,मेरी सच्चाई का इतना,
मजाक कब तक,जानती हूं तुमको कोई,फ़र्क
नहीं पड़ता,फिर भी मेरी हर ख्वाहिश में तुम,
शामिल हो,शायद इसलिए,तो कुछ ऐसा ही,
करो,जला ही दो एक बार मुझे चिता पर,किस्सा,
खत्म तुम्हारी हर झनझठ,खत्म हो जाएगी,
न मै रहूंगी न तुम्हारे लिए कोई मुसीबत ही होगी,
आसान है न तुम्हारे लिए,तो फिर,हर बार जाने
देती हूं सिर्फ ये सोच कर कि कभी तो तुम,
बदलेगा मगर नहीं,तुम्हारे नियम कायदे कानून,
तुम्हारे लिए नहीं है ,बस बाकी लोगो से कब
तक लेते रहोगे,कभी खुद भी तुम ने दिया है,
किसी को,या फिर नहीं,मूझे समझ नहीं,
आते तुम्हारे फलसफे, छोड़ो,कभी तो तुम
समझ पाओगे,नहीं कहती की मेरी मान लो,
मगर मुझे जीने का अधिकार भी तुम क्यों,
छीन रहे हो या अपने राग राग में इतने मशरूफ,
हो की हमारी तकलीफ़ दिखाई नहीं देती,कब
तक ऐसा बेवकूफी से भरा जश्न मनाओ ,
क्या मुझ से नज़रे मिला पाओगे, जब मेरी,
जरूरत नहीं तुम्हें तो फिर किस बात का कानून
बताते हो,जिस दिन समझ गई तुम्हारे,फलसफे,
कसम से तुम्हे बताऊंगी की ज़िन्दगी कुछ और,
भी होती हैं,कभी तो?😠😡
मल्लिका जैन 🙋

शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

🌝कुछ विश्वास😾

कहते हैं मुझे सब अब तो बदल,करू क्या सोहबत 
उसकी बदलती नहीं,मेरे पास तो शब्द ही है,वो भी,
अक्सर कुछ तो कहते है,ज़िन्दगी ख़ूबसूरत है,वो,
जब बेवफा हो तो क्या किया जाए, कम्बख़त,किस
क़दर सता रही है,क्या किया जाए, हैं कोई जो मिल
नहीं सकता,और ज़िद है कि,बदलती हैं,आज फिर,
कोशिश करूंगी तबीयत से जीने की, देंखे,आज का
सफ़र केसा बीतेगा,🧐
मल्लिका जैन 🙋

🌧️बारिश ⛈️

🌧️😁बारिशों के मौसम में प्रकृति खूबसूरत हो जाती हैं,
अक्सर संवर जाती है,नए से ख़्वाब सजा लेती हैं,
मै भी गुनगुना लेती हूं,सोचती हूं, चलो आज सब 
से दोस्ती हो गई,बारिश ने रंग भी भर दिए मोहब्त
भी निभा दी,आज फिर से धरती धानी हो गई,
भोजन और पानी की व्यवस्था और जाने कितने,
व्यापार की व्यवस्था कर गई,एक बारिश का मौसम
हैं और ज़िन्दगी ही क्या मौत भी बेहतर हो गई,🌧️😇
😭मल्लिका जैन🤮

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...