यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर
तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू
तुम कभी आओ तो सही, क्या मै गलत
और तुम सही हर बार, क्या मेरी बात तुम
समझते हो मुस्कुराने की इजाजत देते हो
आंखों में अश्क भर के ,कभी इसको निभाने
आओ तो सही, मै जानती हूं या नहीं पर
मेरी बात सुनो तो सही, ठीक हो तुम्हारी बात
पर मेरी बात भी तो मानो, रहस्यों से परे
मै तुम्हे जान नही पाती पर तुम मेरी बात
मानो तो सही
मल्लिका जैन
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