मंगलवार, 25 जनवरी 2022

🥘26 जनवरी🍱

🇮🇳🌼🌷कुछ पुरानी यादें और नए अफ़साने है
26 जनवरी की अपनी मिठी बाते हैं 
कुछ खून के रंगों से रंगी कहानी है
अब तो देश के अपने ही वादे है,
आज याद दिलाएंगे शपथ और अपने
ही किये का किस्सा, झांकी और नृत्य
 सरकार ने क्या किया ये बताएंगे,
धूप में बैठे नागरिकों की भी बातें बताएंगे
क्या आज भी सरकारी अस्पतालो के 
दर्द किसी को सुनाई देंगे,या फिर शमशानों
हृदय विदारक दर्द या फिर कॅरोना का किस्सा
हर साल की तरह विजय विश्व का तिरंगा
फिर लहराए गांवों का सुधार कितना हुआ कौन
जाने, जंगल के जानवरों की तकलीफ कौन जाने
पार्टी की बाते की अच्छी है, क्या किसी को अपनी
खुद की जिम्मेदारी याद आएगी,आज फिर हम
रिपब्लिक डे मनाएंगे
🌼🌷🇮🇳

सोमवार, 24 जनवरी 2022

🌴मुद्दा है जनाब🌳

🍰कही सुख तो कही दुःख का मुद्दा है जनाब🍧
    कभी जागी और कभी सोई बातों का
    मेरे और जंहा के अफ़साने जाने कितने
    किस्से शिकवे और शिकायतों का
    मुझे किसी ने सताया फिर से रुलाने
   पर उसको दर्द नही कहे क्या कितना
    दुःख हुआ, ओह जाने दे आज जश्न
   पर गौर फरमाते है मेरे लिए किस्सा
   बनओगे ,अच्छा क्या राशान की लिस्ट
  देखी, बजट कितना है, और कितने बार
 मेरी फैशन की लिस्ट से सामान कम करु
जाने दो हर बात पर वही सवाल जवाब
🍞कही सुख तो कही दुःख का मुद्दा है जनाब🍄
🍈मल्लिका जैन🍉
  

बुधवार, 19 जनवरी 2022

😁मोहब्बत और सच😆

🌹🌹🌷🌷
सच कितना आसान और सीधा है,झूठ से रिश्ता ही क्या
मोहब्बत का, मैं अक्सर उसका कहना मान लू फिर भी
वो अपना नही, मोहब्बत की लाइनों में ज़िंदगी कटेगी
कैसे जब जेब मे पैसे नही तो,रहमत होगी कैसे, में फ़रिशतो की क्या बात करू न मोहब्बत काम आ सकी
न ज़िंदगी, तदबीर भी तो नही बनती कोई की समेट लेती
अपने सच की ख़ातिर कितना कहा पर देखती हूँ तो
मनसूबे में बटी ज़िंदगी बेज़ार सी है यँहा मोहब्बत की किसको पड़ी सबकी हकीकत अफसानों में लिपटी पड़ी है, क्या हँसे क्या रोए किसको हमारी कदर आज रास्ता
कही और तो जज़्बात कही और,न मेरी किसी को परवाह
न किसी की मुझे, आज बेज़ार सी मायूसी बिखरी पड़ी हैं
में गुनाह नही मगर वो मुझे गुनहगार कहती है मोहब्बत
की कहानी फूल खिलाती तो कभी मुस्कुरा देती हैं तबस्सुम में कोई मंज़र नही, आज तो तन्हाई भी खामोश
सच से दबी बात मोहब्बत की झूठ से खिली रात मोहब्बत कि,फ़रिशतो रहने दो ज़रा दुआ सलाम मोहब्बत से रखना शायद मेरे सच की तुम्हे पहचान हो जाए, ग़मगीन कितना रहु कभी तो सुकून से जीने दो
कुछ पल सादगी से मोहब्बत को जीने दो🌸💮💮
🌴मल्लिका जैन🌾

मानो तो सही

उम्र के दौर में क्या शिकायत तुमसे करू यू तो तमाम मसले है सुलझाने को पर  तुम सुनो तो सही कन्हा तक तुम्हे पुकारू  तुम कभी आओ तो सही, क्या मै ग...