26 जनवरी की अपनी मिठी बाते हैं
कुछ खून के रंगों से रंगी कहानी है
अब तो देश के अपने ही वादे है,
आज याद दिलाएंगे शपथ और अपने
ही किये का किस्सा, झांकी और नृत्य
सरकार ने क्या किया ये बताएंगे,
धूप में बैठे नागरिकों की भी बातें बताएंगे
क्या आज भी सरकारी अस्पतालो के
दर्द किसी को सुनाई देंगे,या फिर शमशानों
हृदय विदारक दर्द या फिर कॅरोना का किस्सा
हर साल की तरह विजय विश्व का तिरंगा
फिर लहराए गांवों का सुधार कितना हुआ कौन
जाने, जंगल के जानवरों की तकलीफ कौन जाने
पार्टी की बाते की अच्छी है, क्या किसी को अपनी
खुद की जिम्मेदारी याद आएगी,आज फिर हम
रिपब्लिक डे मनाएंगे
🌼🌷🇮🇳